ब्लड टेस्ट से जानें कोरोना होने का खतरा कितना है
सेहतराग टीम
कोरोना वायरस ने भारत समेत तकरीबन सभी देशों को अपने चपेट में ले लिया है। इसी वजह से सभी जगह लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीं जैसै-जैसे इसके मामले बढ़ रहे हैं वैसे ही वैसे इससे जुड़ी कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। उनमें से एक है की ब्लड टेस्ट करवाने पर व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे का पता चलेगा। जी हां दरअसल वैज्ञानिकों ने रक्त में एक विशेष आणविक हस्ताक्षर की पहचान की है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 5 से 10 गुना बढ़ा देता है।
पढ़ें- भारत में रिकवरी रेट बढ़ा, आज 56 हजार से मरीज हुए ठीक, जानें देश का हर आंकड़ा
फिंलैंड के बायोटेक्नोलॉजी कंपनी, नाइटेंगेल हेल्थ के वैज्ञानिकों के मुताबिक, परीक्षण का उपयोग उन लोगों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है, जिन्हें संक्रमण से बचने के लिए COVID-19 वैक्सीन की सबसे अधिक आवश्यकता है और उनके लिए प्राथमिकता से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि ऐसे स्वस्थ लोगों की पहचान करना इस वक्त एक वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बन गई है, जिनके गंभीर COVID-19 से बीमार पड़ने की उम्मीदें सबसे ज़्यादा है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया कि क्या रक्त संकेतक इस बात का पूर्वानुमान व्यक्त कर सकते हैं कि किन लोगों को निमोनिया और कोविड-19 जैसी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती होने का अधिक जोखिम है।
उन्होंने यूके बायोबैंक से एक लाख से अधिक रक्त नमूनों का विश्लेषण किया और रक्त में मौजूद उस खास अणु संकेतक की पहचान की जो यह बता सकता है कि किन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक जोखिम है। वैज्ञानिकों ने कहा कि जिन लोगों के रक्त में यह अणु संकेतक है, उन लोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने का खतरा पांच से दस गुना अधिक बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ये निष्कर्ष नया हैं, क्योंकि इससे पहले आणविक हस्ताक्षर में रक्त बायोमार्कर को स्वस्थ लोगों में जोखिम के रूप में नहीं माना जाता था। कंपनी एक रक्त परीक्षण शुरू करने जा रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि कोविड-19 के कारण कोई व्यक्ति हल्के या गंभीर लक्षणों के साथ बीमार पड़ेगा या नहीं।
शोध के लीड पीटर वुर्ट्ज़ का कहना है, "उच्च जोखिम वाले लोगों का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि उनके कई बायोमार्कर के आणविक हस्ताक्षर को देखा जाए।"
इसे भी पढ़ें-
ये हैं एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य, देखें सभी राज्यों के आंकड़ों की सूची
Comments (0)
Facebook Comments (0)